ख्वाहिशें
ये हर जिंदगी की कहानी है|
एक बार पानी पीने के बाद,
आधे घंटे में फिर से,
पानी की प्यास लग ही जाती है|
जिंदगी की ख्वाहिशो का भी,
कुछ ऐसा ही सिलसिला है!|
एक पूरी हो जाये तो दूसरी जगती है,
और अब मेरी बारी है,
ऐसा वो कहती है!|
नई नई उम्मीदे जगाती है,
पूरा कर लो इसे,
फिर कुछ नहीं चाहिए ऐसा कहती है,
लेकिन उसके बाद वाली भी,
पीछा छोड़ती नहीं है!|
बस यही सिलसिला चलता चला जाता है,
और आसानी से,
इसकी बातो में सभी आ जाते है!|
हजारो ख्वाहिशे ऐसी है,
जिसे पाने और पूरा करने के लिए,
कुछ ओर देखे बिना,
सिर्फ दौड़ना ही पड़ता है,
कुछ ओर देखे बिना,
सिर्फ दौड़ना ही पड़ता है,
बस इसीलिए,
भागते रहेंगे तो जिंदगी कब जियेगे?
भागते रहेंगे तो जिंदगी कब जियेगे?
और जिंदगी में क्या पाएगे?
लेकिन कई ख्वाहिशे,
कुछ सीधा सादा थोड़ा भी करने से,
दिल को उमंगो से भर देती है,
नयी बहार ले आती है,
नयी बहार ले आती है,
एक सुकून दे जाती है!|
वोही कई ख्वाहिशे,
जिंदगी के लिए अनमोल हैँ!|
उस हजार और कई में,
फर्क करना हमारे ही बस में है!|
सिर्फ दौड़ना ही है?
या कुछ पाना भी है?
जो ख़ुशी ले आए,
जो जिंदगी में रंग ले आए,
जो कुछ महसूस करवाए,
जो जिंदगी के एक एक पल को ख़ुशी से जीना सिखाए!|
इस ख्वाहिशो में जो लिपटा चला जा रहा है,
उसे पता नहीं चल रहा है,
की वो जिंदगी से कितना दूर जा रहा है!|
लेकिन,
ना ना ख्वाहिशे इतनी भी बुरी नहीं है!|
किसीका सबकुछ होती है,
या फिर किसी के पास होती ही नहीं है!|
किसी के बस में नहीं है,
तो किसी के पास आजादी नहीं है!|
किसीको उसकी अहमियत का पता नहीं है,
तो कोई जान लगा देता है!|
कुछ लोग आसानी से पा लेते है,
और कुछ कड़ी महेनत के बावजूद नहीं पा सकते है!|
किसी को बहुत कुछ दे जाती है,
तो किसी का सबकुछ छीनकर चली जाती है!|
पूरी ना होने पर निराशा ले कर आती है,
पूरी हो तो कुछ अलग ही अहसास दे कर जाती है!|
पूरी हो तो कुछ अलग ही अहसास दे कर जाती है!|
ना ना ख्वाहिशे इतनी भी बुरी नहीं है!|
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